अब जल्दी ही Metro Cities की भीड़ कम होगी  

Metro Cities की भीड़ कम होगी  

मेट्रो शहरों में अधिकतर कंपनियों ने अपने ऑफिस खोलने की  वजह से वहां पर धीरे धीरे भीड़ ज्यादा होने लगी हैं , मीक्रो ग्राफियो (Mikro Grafeio) नाम का एक स्टार्टअप अब इस भीड़ को कम करने के लिए काम कर रहा हैं। 

आज कल मेट्रो शहरों में इतनी ज्यादा भीड़ हो गई है की आने वाले कुछ दिनों बाद में शायद लोगो का वहां रहना मुश्किल हो जायेगा। मेट्रो शहर के आस पास अलग-अलग कंपनियों के ऑफिस खोलने की वजह से दूर दूर से लोग वहां काम करने आते हैं इसी वजह से वहां इतनी भीड़ होने लगी हैं। इसी भीड़ को काम करने के लिए Mikro Grafeio स्टार्टअप काम कर रहा हैं ,जिस से शहर के लोगो को भीड़ से थोड़ी राहत मिल सके। 

मीक्रो ग्राफियो की शुरुआत अक्टूबर 2021 में  Jaishankar Seetharaman, Santosh Mahalingam, Ranchu Nair और Mohan Mathew ने की थी. सभी की उम्र 50 साल के करीब है और सभी  ने  27-28 साल तक अलग-अलग फील्ड में जॉब करने के बाद यह स्टार्टअप किया है इस वजह  से हर किसी को अलग अलग फील्ड में काम करने का अच्छा अनुभव हैं। 

कोरोना के टाइम में जब दुनिया भर के सभी लोग work from home कर रहे थे उस टाइम मीक्रो ग्राफियो के co-founders ने सोचा की कुछ ऐसा करे जिस से सभी ऑफिस को लोगो के घर तक ही ले जाया जाये इस से मेट्रो शहर में भीड़ भी नहीं होगी। मिक्रो ग्राफियो का मतलब है “छोटा ऑफिस” मतलब यह स्टार्टअप छोटे शहरों में छोटे ऑफिस से स्टार्ट कर रहा हैं। 

कैसे काम करता है यह स्टार्टअप्स

यह कंपनी किसी छोटे शहर में एक बड़ी जगह किराये पर लेती है ,कभी कभी किसी जगह को खरीद भी लेती है उसके बाद वहां पर 5  या 6 clients के लिए उनके according ऑफिस का सेटअप तैयार किया जाता हैं ,और उनके  लिए ऑफिस में मिलने वाली सभी सुविधा के बारे में भी ध्यान रखा जाता हैं। अच्छे से ऑफिस तैयार होने के बाद  मीक्रो ग्राफियो अपने clients के लिए recruitment करके उन्हें training दी जाती हैं। recruitment और training के लिए यह कंपनी one time fees लेती हैं। 

यह कंपनी अपनी तरफ से HR officer के लिए भी offer करती हैं इसके साथ कंपनी local infrastructure की सुविधा भी देती हैं जबकि उसमे काम करने वाली कंपनी अपने personal  decision खुद लेती हैं। 

Starting में जब किसी कंपनी से एक छोटी जगह पर ऑफिस सेटअप करने के लिए कहा जाता था तो कोई भी कंपनी agree नहीं होती थी क्योंकि उनको लगता था की छोटे शहरों में अच्छा infrastructure नहीं होगा और talented लोगो को hire नहीं  कर पाएंगे इस वजह से इस बिज़नेस को स्टार्ट करना बहुत मुश्किल था स्टार्ट के 6 महीने तो लोगो को समझाने में ही लग गया था। अप्रैल 2022 से यह business अच्छे से चलने लगा, और अभी company का सालाना turnover लगभग 8 करोड़ रुपये  तक हैं।

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