Sagar Ratna ने पहले बचपन में घर छोड़ा, झूठे बर्तन धोए फिर खुद का restaurant खोला, जिसमे पहली कमाई 408 रुपये हुई, आज सालाना 300 करोड़ की कमाई कर रहे है।
एक report के अनुसार , भारत का food service market 2028 तक 79.65 billion US dollars तक पहुंचने की उम्मीद है, जो की 2022 में 41.1 billion US dollars था. यह 11.19% CAGR (compound annual growth rate) से बढ़ रहा है। भारत के restaurant में सागर रत्न (Sagar Ratna) भी एक famous restauranter हैं। यह अपने South Indian Food के लिए famous है इसकी annual income लगभग 300 करोड़ से अधिक है. इसके मालिक Jayaram banan है। लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब Jayaram banann झूठे बर्तन धोया करते थे. इस काम के लिए उन्हें 18 रुपये मिलते थे। jayaram banan ने यहीं काम करते हुए धीरे-धीरे restaurant business करने के tricks सीखे, और फिर अपना खुद का restaurant खोला. Jayaram ने जब इसे शुरू किया तब उनकी पहली कमाई 408 रुपये थी। ‘Sagar Ratna‘ के Founder और Chairman Jayaram banan “Dosa King” के नाम से भी मशहूर हैं।
Jayaram banann का जन्म मंगलौर (कर्नाटक) के पास उड्डपी में हुआ था। उनके पिता ड्राइवर थे और nature से काफी गुस्से वाले थे।Jayaram banan बचपन से ही अपने पिता से बहुत डरते थे। क्योंकि जब Jayaram banan स्कूल परीक्षा में फेल हो जाते थे तो पिता उन्हें डांटते और पीटते थे, यहां तक की कई बार तो आंखों में मिर्च पाउडर भी डाल देते थे। फिर 13 साल की उम्र में जब वे परीक्षा में फैल हुए तो उन्होंने घर छोड़ने का फैसला किया और उन्होंने पिता के wallet से पैसे चुराए और मुंबई भाग गए। साल 1967 की. मुंबई में उन्हें किसी जानकार के यहां restaurant में बर्तन धोने का काम मिला. उस टाइम उन्हें सिर्फ 18 रुपये दिए जाते थे।
उन्होंने 6 साल तक कड़ी मेहनत और लगन से काम किया और waiter और उसके बाद होटल के manager बन गए। फिर उन्होंने अपना खुद का restaurant business शुरू करने का फैसला किया और इसके लिए 1974 में वे दिल्ली आए, उन्हें दिल्ली से गाजियाबाद में Central Electronics Limited (CEL) में कैंटीन चलाने का टेंडर मिला. उन्होंने तब इसमें 2000 रुपये लगाए थे। 1986 में Jayaram banan ने डिफेंस कॉलोनी में अपना पहला restaurant खोला,उन्होंने इसका नाम “सागर” रखा। यहां पर Jayaram banan को सप्ताह में 3,250 रुपये rent देना होता था। जिसमे 40 लोगों के बैठने की जगह थी। अपने पहले दिन उन्होंने 408 रुपये कमाए, Jayaram banan ने customers की Satisfaction और menu पर महत्वपूर्ण ध्यान दिया। धीरे -धीरे उनका restaurant business रफ्तार पकड़ने लगा. फिर चार साल बाद उन्होंने High Class Lodhi Hotel खोला। उन्होंने उसी menu को यहां repeat किया, लेकिन coast 20% बढ़ाकर तय की गई। और इस नए स्टोर को खोलने के बाद ही उन्होंने नाम में ‘रत्न’ जोड़ा. इस तरह ‘सागर रत्न‘ ब्रांड बन गया।
आज Jayaram banan ‘डोसा किंग’ (Dosa King) के नाम से भी Famous हैं। इतना ही नहीं Canada, Singapore, Bangkok जैसे देशों में भी उनके outlets हैं. वे ‘स्वागत’ (Swagath) नाम की एक और restaurant chain के भी मालिक हैं. इसकी शुरुआत उन्होंने साल 2001 में की थी। Jayaram banan की यह कहानी इस बात का एक perfect example है कि कैसे dedication and hard work किसी को भी सफल बना सकती है. Jayaram banan हमें Self-confidence के साथ आगे बढ़ने के लिए Inspired करते है।