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लाखो की नौकरी छोड़ कर, business Start किया, 4 साल में 4 करोड़ से कमाए 40 करोड़

4 साल में 4 करोड़ से कमाए 40 करोड़ - ग्राम उन्नति

4 साल में 4 करोड़ से कमाए 40 करोड़ - ग्राम उन्नति

किसानों की फसल का सही पैसा मिलने के  लिए ग्राम उन्नति (Village Development) नाम का एक Agritech Startup शुरू हुआ है जो गांव के किसानो और companies दोनों को एक दूसरे से जोड़ने का काम करता है। 

आपने आज कल कई लोगों को ये कहते सुना होगा कि हर हाल में हमेशा किसान ही मरता है, जबकि आज के time में new generation के युवाओं ने Agriculture Sector में ऐसे-ऐसे startups शुरू कर दिए है, जिनकी वजह से सभी  किसानों को अच्छी  मदद मिल रही है। ऐसे ही अनीश जैन ने ग्राम उन्नति (Gram Unnati) नाम के  एक Agritech Startup को शुरू किया है, इस स्टार्टअप की सहायता से  वह गांव के सभी किसानों और कंपनियों के बीच में एक ब्रिज बना रहे हैं, जिस से की किसानो और companies दोनों को अच्छा फायदा हो सके। 

अनीश 38 साल के है जो लखनऊ में रहते है, अनीश जैन ने  ग्राम उन्नति के स्टार्टअप्स की शुरुआत 2013 में की थी, जबकि कंपनी ने 2018 में काम करना  शुरू किया था। 2015  से 2018 के बीच 5 साल तक उन्होंने market analysis की और Business चलाने के लिए पूरी तैयारी की। इस स्टार्टअप को शुरू करने के लिए अनीश ने अपनी सारी sevings को इसमें लगा दिया था। 

और दोस्तों और रिश्तेदारों से काफी सारे पैसे उधार भी लेने पड़े थे। लगभग 4 साल के बाद में अनीश की मेहनत रंग लाई और इस साल उनके बिजनेस का टर्नओवर 40-50 करोड़ रुपये के बीच रहने की उम्मीद है।  इस बिजनेस में उन्होंने करीब 4 करोड़ रुपये का invest किया था. अभी  ग्राम उन्नति 7 राज्यों (यूपी, उत्तराखंड, राजस्थान, एपी, हरियाणा, महाराष्ट्र और ओडिशा ) में काम कर रही है।   

अनीश जैन ने  स्कूलिंग तो लखनऊ की थी, उसके बाद उन्होंने IIT Kharagpur से 2007 में computer science की पढ़ाई complete  की थी।  हर IIT और IIM के स्टूडेंट की तरह उनका भी McKinsey में काम करने का सपना था। और उनका  वो सपना सच भी  हो गया और वह McKinsey में अच्छे पैकेज पर नौकरी करने लगे।  कुछ समय तक नौकरी करने के बाद उन्होंने अपना business शुरू कर लिया।

नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने 1 साल का break लिया और  भारत को और सभी लोगो को समझने के  लिए वह एक NGO से जुड़े , जो राजस्थान में सभी गाँवो के किसानों के साथ काम करता था। और अनीश ने वहां से ही एग्रीकल्चर के बारे में सब कुछ सीखा।  अनीश ने बताया की  किसानों का दिल इतना बड़ा होता है कि खुद का नुकसान होने के बाद में भी वह अपने मेहमानों की खातिर और सेवा  करने में कोई कमी नहीं रखते। उन्होंने बताया की वह जब कभी किसी गांव में किसानो के घर जाते थे तो किसान उन्हें खाना खिलाने के  साथ साथ  उन्हें पूरे उत्साह के साथ अपना खेत भी  दिखाया करते थे।  

ग्राम उन्नति के दो stake holder हैं, जिसमे  पहले किसान जो फसल पैदा करते हैं. और दूसरे नंबर पर companies है, जो किसानो से  फसल को खरीदती हैं जिससे  किसानों को उनकी मेहनत का फल मिलता है।  इस काम को करने के दो तरीके है . पहला तो यह है की  कि सभी कंपनियों से उनकी जरूरत के बारे में पता किया जाता है  और फिर उनकी जरूरत के हिसाब से ही खेती करने क लिए किसानो को suggestion दिया जाता है। और दूसरा तरीका ये होता है कि किसान जो भी फसल  उगाते हैं, उसके लिए purchaser ढूंढे जाते हैं। 

अगर किसानो को ये पता हो कि कंपनियां क्या खरीदना चाहती हैं तो किसानों के लिए उसके according खेती करना आसान हो जाता हैं।  ऐसे में ग्राम उन्नति सभी कंपनियों से उनकी जरूरत के बारे में पता करती है  और किसानों से फसल लेकर उनकी जरूरत के according companies तक पहुंचाती हैं।  इस बीच में logistics से लेकर quality और Variety  को देखने के काम ग्राम उन्नति का होता है।  वह किसानों और कंपनीयों  के बीच में एक ब्रिज बनाने का काम करते हैं। 

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